केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय पाठ्यचर्य की रूपरेखा (NCF-2023) की घोषणा की है, जिसके माध्यम से शिक्षा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की दिशा में एक नया कदम उठाया गया है। यह करीकुलम फ्रेमवर्क नई शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार किया गया है और इसका लक्ष्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को विशेष रूप से सुधारना है।

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए करीकुलम में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें छात्रों को दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा और 12वीं के छात्रों के लिए सेमेस्टर प्रणाली का आयोजन किया जाएगा।

इसके साथ ही, कक्षाओं में छात्रों को अलग-अलग विषयों के अध्ययन के साथ-साथ उनके सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का भी ध्यान दिया जाएगा। नए करीकुलम में स्कूली असेंबलियों से लेकर छात्रों के यूनिफॉर्म और भाषा-संस्कृति से जुड़े बदलाव भी शामिल हैं।

नए प्रणाली के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को विभिन्न 16 विकल्पों में से चयन करने का मौका मिलेगा, जो उनकी रूचियों और प्रतिभा के अनुसार होगा। इससे छात्रों के विकल्पों में लचीलापन बढ़ेगा और उनकी स्थानीय परिस्थितियों को भी मदद मिलेगी।

नई शिक्षा नीति के अनुसार, स्कूलों में सेमेस्टर प्रणाली का आयोजन होगा, जिससे छात्रों को उनके चयनित विषयों में गहराई से अध्ययन करने का मौका मिलेगा। यह उनकी शिक्षा को प्रैक्टिकल और अप्लाइड दिशा में भी मदद करेगा।

इस नई शिक्षा नीति के तहत, शिक्षा के विभिन्न पायदानों में छात्रों के विकास को मदद मिलेगी, जो उनकी रूचियों और प्रतिभाओं के साथ-साथ समाज में उनके योगदान को भी स्थापित करेगी। इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक नया दिशा मिलेगा, जिससे छात्रों का शिक्षा में अधिक सकारात्मक और सामाजिक विकास हो सकेगा।

इस खबर का स्रोत: Student Advisor Publications Pvt Ltd

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